The vision of our institute is to make every section of the society motivated for social service by making the form of the phrase "Seva Parmo Dharmah" self-reliant / self-conscious and self-dependent. So that they can make their future contribution to the future progress of the country by getting ready to serve the country for the benefit of the society.
हमारे संस्थान का विज़न शास्त्रोक्त वाक्य "सेवा परमो धर्मः" को साकार रूप प्रदान करते हुए, समाज के हर वर्ग को समाज सेवा के लिए प्रेरित कर उन्हें स्वावलम्बी, जागरूक एवं आत्म-निर्भर बनाना है. ताकि वे समाज के हितार्थ देश की सेवा के लिए तैयार होकर, देश की प्रगति में अपना भावी योगदान दे सकें.
The following programs will be conducted by the institute to achieve its goals in order to give the form of the scripture "Seva Parmo Dharmah".
संस्थान द्वारा "सेवा परमो धर्मः" शास्त्रोक्त वाक्य को साकार रूप प्रदान करने के लिए अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु निम्न कार्यक्रमों को संचालित किया जायेगा।
भारत देश की केंद्र सरकार ने देश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना लागु की हैं . भारत देश में कई तरह की छात्रवृत्ति योजना चलती है, जिसके अंदर अलग-अलग लाभ अलग-अलग लाभार्थी को दिए जाते है. सरकार इसमें ऐसे विद्यार्थियों का चयन करती है जो मेरिट में आये है, और जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है. योजना के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता और योजना की पूरी निगरानी केन्द्रीय सरकार द्वारा की जाती है.....Read more
प्रसिद्ध गीतकार तनवीर ग़ाज़ी ने लिखा है -
"तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है|"
आज का वर्तमान युग वैज्ञानिक युग है| जो देश विज्ञान के क्षेत्र में जितनी अधिक शीघ्रता से तरक्की करेगा, वह उतनी ही शीघ्रता से संसार में विकास के परचम को लहरा सकेगा| अतः देश के प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि वह शिक्षित एवं सम्रद्य होकर देश की प्रगति में अपना भावी योगदान दे|
स्वरोजगार एक मात्र ऐसा साधन है, जिसमें आपको अपने जीवन को बहुआयामी द्रष्टिकोण से देखने और उसपर चलने का अवसर प्राप्त होता है. आप अपने आप को जितना अधिक तरास पायेगें उतनी ही अधिक ऊँचाईयों पर अपने आप को पायेगें. इसीलिए कहा गया है कि ....
"खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो"
यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा ‘आप’ शब्द का, उसके बाद ‘हम’ शब्द का और सबसे कम ‘मैं’ शब्द का उपयोग करना चाहिए.
दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़े हैं इस बात ने, कि लोग क्या कहेंगे. अगर जिंदगी में सफल होना हैं तो पैसों को हमेशा जेब में रखना, दिमाग में नही
प्रिय मित्रों,
सर एल० एस० के० ग्रुप व उसके द्वारा स्थापित विभिन्न संस्थानों एवं संचालित योजनाओं को सफल बनाने के लिए आप सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए मुक्षे अत्यन्त हर्ष हो रहा कि आप सभी ने इतने कम समय में सर एल० एस० के० ग्रुप को बुलंदियों पर पहुँचा दिया।
साथियों जैसा कि हमारे संस्थान का उद्देश्य हमेशा समाज के लिए उचित ज्ञान, कौशल, अनुशासन और पर्याप्त रूप से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने का रहा है, हम आपको पूर्ण विश्वास दिलाते हैं कि आपके विश्वास को सदैव कायम रखते हुए, समाज के हितार्थ कार्य करते रहेंगे।
इंजी० आर० बाबू
प्रबंध निदेशक
सर एल० एस० के० ग्रुप
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