Dear Friends,
As we all know that there is no religion in this world more than service. It has been said in our scriptures, "Seva Parmo Dharmaha" means that service is the biggest religion. Therefore, we should do service work according to our power, giving service functions a fixed place in our life. By doing service works, our brain gets a wonderful, wonderful, supernatural peace. As a result of which we get a happy and enjoyable life. At the same time, we get the respect, honor, position and prestige in the society easily.
Therefore, I request you all to do the service work according to your ability and interest.
Thank you.
Mr. Lalman Singh
Founder/President
प्रिय साथियों,
जैसा कि हम सभी जानते ही हैं कि सेवा से बड़ा इस संसार में कोंई भी धर्म नहीं है. हमारे शास्त्रों में कहा गया है "सेवा परमो धर्मः" अर्थात सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. अतः हमें अपने जीवन में सेवा कार्यों को एक निश्चित स्थान देते हुए, अपनी सामर्थ के अनुसार सेवा कार्य करने चाहिए। सेवा कार्यों को करने से हमारे मन मस्तिष्क को एक चमत्कारिक, अद्भुत, अलौकिक शान्ति की प्राप्ति होती है. जिसके फलस्वरूप हमें एक सुखमय आनंददायी जीवन प्राप्त होता है. साथ ही हमें समाज में मान, सम्मान, पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति सहज ही हो जाती है.
अतः मेरा आप सभी से कर बद्ध निवेदन है कि अपनी क्षमता और रूचि के अनुसार सेवा कार्य अवश्य करें।
धन्यवाद।
श्री लालमन सिंह
संस्थापक/अध्यक्ष
भारत देश की केंद्र सरकार ने देश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना लागु की हैं . भारत देश में कई तरह की छात्रवृत्ति योजना चलती है, जिसके अंदर अलग-अलग लाभ अलग-अलग लाभार्थी को दिए जाते है. सरकार इसमें ऐसे विद्यार्थियों का चयन करती है जो मेरिट में आये है, और जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है. योजना के अंतर्गत मिलने वाली वित्तीय सहायता और योजना की पूरी निगरानी केन्द्रीय सरकार द्वारा की जाती है.....Read more
प्रसिद्ध गीतकार तनवीर ग़ाज़ी ने लिखा है -
"तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है|"
आज का वर्तमान युग वैज्ञानिक युग है| जो देश विज्ञान के क्षेत्र में जितनी अधिक शीघ्रता से तरक्की करेगा, वह उतनी ही शीघ्रता से संसार में विकास के परचम को लहरा सकेगा| अतः देश के प्रत्येक नागरिक को चाहिए कि वह शिक्षित एवं सम्रद्य होकर देश की प्रगति में अपना भावी योगदान दे|
स्वरोजगार एक मात्र ऐसा साधन है, जिसमें आपको अपने जीवन को बहुआयामी द्रष्टिकोण से देखने और उसपर चलने का अवसर प्राप्त होता है. आप अपने आप को जितना अधिक तरास पायेगें उतनी ही अधिक ऊँचाईयों पर अपने आप को पायेगें. इसीलिए कहा गया है कि ....
"खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो"
यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा ‘आप’ शब्द का, उसके बाद ‘हम’ शब्द का और सबसे कम ‘मैं’ शब्द का उपयोग करना चाहिए.
दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़े हैं इस बात ने, कि लोग क्या कहेंगे. अगर जिंदगी में सफल होना हैं तो पैसों को हमेशा जेब में रखना, दिमाग में नही
प्रिय मित्रों,
सर एल० एस० के० ग्रुप व उसके द्वारा स्थापित विभिन्न संस्थानों एवं संचालित योजनाओं को सफल बनाने के लिए आप सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए मुक्षे अत्यन्त हर्ष हो रहा कि आप सभी ने इतने कम समय में सर एल० एस० के० ग्रुप को बुलंदियों पर पहुँचा दिया।
साथियों जैसा कि हमारे संस्थान का उद्देश्य हमेशा समाज के लिए उचित ज्ञान, कौशल, अनुशासन और पर्याप्त रूप से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने का रहा है, हम आपको पूर्ण विश्वास दिलाते हैं कि आपके विश्वास को सदैव कायम रखते हुए, समाज के हितार्थ कार्य करते रहेंगे।
इंजी० आर० बाबू
प्रबंध निदेशक
सर एल० एस० के० ग्रुप
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